लेखक:
श्यौराज सिंह बेचैन
श्यौराज सिंह बेचैन जन्म : 5 जनवरी 1960, गाँव नदरोली, बदायूँ (उ.प्र.) शिक्षा: एम.ए., बी.एड. (हिन्दी), पीएच. डी., डी. लिट्. रचनाएँ: मेरा बचपन मेरे कन्धों पर (आत्मकथा); चमार की चाय, क्रौंच हूँ मैं, नयी फसल (कविता संग्रह); सामाजिक न्याय और दलित साहित्य, हिन्दी दलित पत्राकारिता पर पत्रकार अम्बेडकर का प्रभाव (शोध-प्रबन्ध); लिमका बुक ऑफ़ रिकार्ड (1999) में दर्ज; अम्बेडकर, गाँधी और दलित पत्रकारिता, समकालीन हिन्दी पत्रकारिता में दलित उवाच, दलित क्रान्ति का साहित्य; मूल खोजो विवाद मिटेगा, अन्याय कोई परम्परा नहीं, साहित्य में दलित जीवन के प्रश्न, दलित दखल, स्त्री विमर्श और पहली दलित शिक्षिका, उत्तर सदी के कथा साहित्य में दलित विमर्श, दलितेतर वर्ग के उपन्यास : दलित समस्या और समाधान, प्रधान सम्पादक: बहुरि नहीं आवना, सत्ता विमर्श और दलित हंस के प्रथम दलित विशेषांक (2004) के अतिथि सम्पादक। दैनिक हिन्दुस्तान, जनसत्ता, अमर उजाला, भास्कर, राष्ट्रीय सहारा आदि में विशेष लेख; हंस, कथादेश, जनसत्ता, बयान, पक्षधर, अपेक्षा आदि में कहानियाँ। आत्मकथा : अंग्रेज़ी में ‘माई चाइल्डहुड ऑन माई शोल्डर्स’ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से प्रकाशित। तहलका में 35 किश्तें, पंजाबी, जर्मन, अंग्रेज़ी, मराठी, मलयालम, उर्दू, कन्नड़ में अनुवाद। साहित्यिक यात्राएँ : पेरिस (फ्रांस), जोहान्सबर्ग (अफ्रीका), विश्व हिन्दी सम्मेलन सूरीनाम, वैंकुवर (कनाडा), हॉलैंड और ग्रेट ब्रिटेन। पुरस्कार/सम्मान : इण्टरनेशनल लिटररी अवार्ड-यू.एस.ए. (थर्ड अम्बेडकर इण्टरनेशनल कॉन्फ्रेंस, पेरिस में); सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान; साहित्य भूषण सम्मान, उ.प्र. हिन्दी संस्थान लखनऊ; बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर सम्मान महू-संस्थान म.प्र.; कबीर सेवा सम्मान, स्वामी अछूतानन्द अति विशिष्ट सम्मान उ. प्र.; डॉ. राजेन्द्र प्रसाद अवार्ड दिल्ली, नेशनल अम्बेडकर अवार्ड (भा.द.सा. अकादमी, दिल्ली) 2014; मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी का कृति केन्द्रित प्रथम पुरस्कार। |
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हाथ तो उग ही आते हैंश्यौराज सिंह बेचैन
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